आहटे, हो रही तेरी, दिल के दर पे मेरे,
तू यही है कही ना कही।
आहटे, हो रही तेरी, दिल के दर पे मेरे,
तू यही है कही।
कभी मेरे ख्वाब सा, कभी उलझे जवाब सा।
के चंदा मे भी दाग सा, मेरे जैसा तू।
के दरिया का हो इक सिरा,
के अरमानो का सिलसिला,
के सेहरा मे भी आब सा,
मेरे जैसा तू, मेरे जैसा तू।
आहटे, हो रही तेरी, दिल के दर पे मेरे,
तू यही है कही ना कही।
तेरा हूँ मै, तुझे क्यों ना यकीन है!
चाहत मे मेरी आखिर क्या कमी है?
तुझमे ही तो छुपी मेरी खुदी है।
मेरी खुदी कुछ ना सही।
कुछ ना सही, कुछ ना सही।
आहटे, हो रही तेरी, दिल के दर पे मेरे,
तू यही है कही।
कभी मेरे ख्वाब सा, कभी उलझे जवाब सा।
के चंदा मे भी दाग सा, मेरे जैसा तू।
के तू ही दरिया का है इक सिरा,
के अरमानो का सिलसिला,
के सेहरा मे भी आब सा,
मेरे जैसा तू, मेरे जैसा तू।
आहटे, हो रही तेरी, दिल के दर पे मेरे,
तू यही है कही ना ही।